नए वर्ष पर मेरे मित्र श्री पराग डिमरी का एक अनुपम, अद्भुत, सार्थक और सजीव सन्देश प्राप्त हुआ जिसने मुझे मुग्ध कर दिया और मैं इस विलक्षण सन्देश को आप सब से बाँटना चाहता हूँ।
एक आभार संवाद
उन कुछ चुनींदा विशिष्ट जनों के
साथ,जिन्होंने कहीं ना कहीं, किसी ना किसी रूप में इस अदने से इंसान
को प्रभावित किया है। जीवन एक रेल यात्रा का सफर ही तो
है, जिसमें भांति भांति के पड़ाव हैं, मंजिलें हैं। कुछ घटनाएँ, दुर्घटनाएं
क्या हो जाती हैं तो अक्सर रास्ते ,मंजिलों में परिवर्तन भी आ जाता है।
जनम के साथ ही हम भी इस यात्रा में शामिल
हो गए क्योंकि यहाँ हमारे लिए जगह बनायी टिकट खरीदकर हमारे माता -पिता ने।
काफी समय तक हम इसी सोच के साथ ही यात्रा करते रहे कि वे ताउम्र इस
सफर में हमारे साथ बने रहेंगे। ,किंतु कुछ पड़ाव,स्टेशन ऐसे भी आयेंगे या
शायद आ भी चुके हैं कि जब उन्हें हमें इस यात्रा में अकेला छोड़ कर अलग
हो जाना पड़ेगा या वो शायद हमसे जुदा हो भी चुके हैं।
समय गुजरेगा,दौर बदलेंगे, बहुत सारे अन्य इस
यात्रा में हमारे सहयात्री बनेंगे और वो हमारे जीवन में बड़े महत्वपूर्ण
साबित भी होने लगेंगे जैसे कि निकट संबंधी(भाई,बहन इत्यादि), दोस्त, औलाद,
सहकर्मी और हमारा प्यार भी। इनमें भी कई, आने वाले समय में इस
सफर में हमसे जुदा होने लगेंगे और एक ना भरने वाला शून्य (vacuum) छोड़ जायेंगे, कुछ निरंतर चल रही यात्रा से
इस तरह से अलग होंगे की हमें अहसास भी नहीं
होगा कि वे अब हमारे हमराही नहीं रहे और
उनकी सीट/जगह खाली हो चुकी है।
इस यात्रा में सुख दु:ख का मिलने,बिछड़ने का,
सपनों के बुनने टूटने का, खुश नाराज़ होने का भी समावेश रहेगा। कभी सफर धीमी गति
से चलेगा, कभी उम्मीद से ज्यादा रफ्तार से चलेगा,
कोई भी यह नहीं जानता है कि कब उसे इस सफर में अपनी सीट छोड़नी पड़ सकती
है, कब इस यात्रा से अलग हो जाना पड़ेगा, इस अनिश्चितता के एक ही मायने हैं
कि जब इस सफर को तिलांजली दे कर अपनी सोट खाली करना पड़े तो
पीछे ऐसी सुनहरी यादों का संसार छोड़ कर जाए कि हम रहे ना रहे, हमसे जुड़ी यादें उस
यात्रा में निरंतर सफर करती रहें।
मुझे भी नहीं पता है कि इस यात्रा को
त्यागने की मंजिल कब आएगी किंतु फिलहाल मैंने उस टिकट को अपनी मुठ्ठियों
में भींच कर रखा है जो कि मेरे माता पिता ने मुझे दिया था और इस रेल
यात्रा के विभिन्न पड़ावों का असीम आनन्द उठा रहा हूं।
किंतु इस यात्रा में कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो कि
इस यात्रा में आपके साथ लंबे समय तक बने रहेंगे, आप जैसे हैं,उसी रूप में आपको
स्वीकार करेंगे, आपकी गलतियों ,कमियों के साथ भी आपके साथ संबंधों की गरमाहट को
बनाए रखेंगे।
उपर लिखी बातों के मद्देनजर आपका विशेष
आभार इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक सहयात्री बने रहने
के लिए और जीवन के कई पहलुओं को विशिष्ट रूप से प्रभावित करने
के लिए।
मैं आपको एवं आपके परिवार को इस सफर के बाकी पड़ाव के
हर्ष, उल्लास एवं आनन्द से सराबोर रहने के लिए ईश्वर से प्रार्थना
करता हूं। इस यात्रा में ढेरों सफलता, स्नेह की प्राप्ति हो, इसी कामना के साथ।
आपका
पराग
चलती का नाम गाड़ी हैं
जवाब देंहटाएंगणत्रंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!