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इक्कीसवीं सदी को इक्कीसवां साल लग रहा है...!
इक्कीसवीं सदी को इक्कीसवां साल लग रहा है...! इसलि ए नहीं कि आज की तारीख चालू साल की आखिरी तारीख है और जिसे फिर दोहराया नही जा सकगा, इसलिए ...
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अरे ...रे..रे ..गज़ब. प्रेम कथा और प्रेत कथा पढ़ने में मुझे सदैव समान भय लगता है. यही कारण है कि मित्रों के इस आग्रह पर कि पुस्तक में अवध...
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हत्या हृदयेश ( 2 जुलाई 1930 - 31 अक्टूबर 2016 ) की एक कालजयी रचना हृदयेश का पूरा नाम हृदय नारायण मेहरोत्रा था. इन...
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’परत’ मूलतः एक राजनीतिक उपन्यास है जिसमें प्रेम को राजनीति के एक उपकरण बन जाने के आख्यान को कुशलता से अंकित किया गया है। प्रेम के काम मूलक...
सर। अद्भुत। आपका संस्मरण गजब का है। लेकिन उस से भी गजब आपका लिखने का तरीका है। आपके स्तर पर शायद ही कभी पहुंच पाऊँ। आपके द्वारा की गई तारीफ ही मेरे लिए वरदहस्त है।
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